Product Description
‘मैं कृष्ण हूँ – मथुरा में मेरे संघर्षशील जीवन की दास्तां’ बेस्टसेलर ‘मैं मन हूँ’ के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित ‘मैं कृष्ण हूँ’ किताब का दूसरा भाग है। इस किताब में कृष्ण द्वारा मथुरा में किए संघर्षों का रोचक वर्णन है तथा इस किताब में कृष्ण के जीवन से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब भी मिलते हैं जैसे: कृष्ण ने कंस को क्यों मारा? कृष्ण को मथुरा से क्यों भगाया गया? कृष्ण और रुक्मिणी का प्यार क्या था? कृष्ण और सत्यभामा का संबंध क्या था?
‘मैं कृष्ण हूँ’ के पहले भाग को पाठकों ने खूब सराहा तथा इसे क्रॉस्वर्ड बुक अवार्ड्स 2018 के नॉन-फिक्शन पोपुलर केटेगरी के लिए नामांकित भी किया गया है।
15 से भी अधिक पौराणिक ग्रंथों का गहन अध्ययन करने के बाद लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित ‘मैं कृष्ण हूँ’, कृष्ण के जीवन को न सिर्फ सिलसिलेवार रूप से दर्शाता है बल्कि उनके हर कृत्य के पीछे के सायकोलॉजिकल पहलुओं को भी समझाता है जिससे उनके जीवन से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाते हैं। यह किताब जो कि कृष्ण की आत्मकथा है, इसमें पाठकों को बताया गया है कि कैसे कृष्ण ने अपने मन की शक्तियों के सहारे अपने सामने आनेवाली सभी चुनौतियों को मात दी और हर विपरीत परिस्थिति में भी कैसे विजय हासिल की। पहले व्यक्ति के दृष्टिकोण से लिखी गई इस किताब की सबसे खास बात यह है कि इसमें पाठकों को कृष्ण जैसे अद्भुत और विलक्षण प्रतिभा वाले व्यक्ति, जिन्हें हर कोई जानना और समझना चाहता है, के जीवन की सायकोलॉजिकल गहराइयों का पता चलता है।
चूंकि किताब के लेखक स्पीरिच्युअल सायकोडाइनैमिक्स के पायनियर हैं, सो इसमें आवश्यक स्थानों पर कृष्ण की सम्पूर्ण सायकॉलजी और उनसे होने वाले बदलाव को दर्शाया गया है जिससे पाठकों को यह स्पष्ट होता रहता है कि कृष्ण ने क्या किया तथा क्यों। इस किताब को लिखने में कई पौराणिक ग्रन्थों का अध्ययन किया गया है जैसे: महाभारत, शतपथ ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक, निरुक्त, अष्टाध्यायी, गर्ग संहिता, जातक कथा, अर्थशास्त्र, इंडिका, हरिवंश पुराण, विष्णु पुराण, महाभाष्य, पद्म पुराण, मार्कंडेय पुराण और कूर्म पुराण…।
यह किताब अंग्रेजी,और गुजराती में उपलब्ध है।
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